Tsunss बिहार (गोपगुट) [मातृसंघ] की लोकप्रियता, प्रसिद्धि, उपलब्धि से कुछ लोग इस कदर परेशान हैं कि उन्हें और कुछ सूझता ही नही है ! बेमेल का गठबंधन बना कर भी जब वें कुछ नही कर पाएँ फिर और क्या अहित कर सकते हैं ?
अन्य बातों को छोड़ दिया जाय तो दो प्रमुख बातें सामने आईं हैं -
(a)- Tsunss बिहार गोपगुट मातृसंघ को नज़रंदाज़/उपेक्षित कर कार्यक्रम करनें का प्रभाव सर्वविदित है तथा सच्चाई सार्वजनिक हो रही है ! माननीय लोग के गृह जिला में हड़ताल का असर नही ! और उनके कुछ सहयोगी लोग हाजिरी बना के दिखावे के लिए हड़ताल में हैं !
कुछ साथी tsunss द्वारा अर्जित सवैतनिक प्रशिक्षण में हैं उनको हड़ताल से कोई मतलब भी नही फिर भी स्वयं को ऐसे प्रोजेक्ट कर रहें मानो सारा बोझ इनके माथे पर ही है !
हड़ताल की पड़ताल में यह बात सामने आ रही कि सम्मिलित लोगों का प्रभाव कुछेक जिलों में आंशिक रुप से ही है जबकि tsunss बिहार गोपगुट मातृसंघ का प्रभाव सर्वत्र व्याप्त है ! यही कारण है कि अबतक हड़ताल असरहीन है जिससे परेशान साथी बाइक से जबरन घुम घुम के अपना प्रयास कर रहें हैं जबकि शिक्षक साथी स्वयं ही बहिष्कार करते !
बावजूद उनके इस उपेक्षित रवैया के बिना पूर्वाग्रह के tsunss बिहार गोपगुट मातृसंघ नें सबसे पहले सार्वजनिकरुप से नैतिक समर्थन की घोषणा की जबकि अन्य संघ इसमें भी पिछड़ गए !
(b)- कुछ पूर्वाग्रह से ग्रसित, पक्षपाती लोगों का समूह जो tsunss मातृसंघ से द्वेषभाव रखते हैं सभी संघ को एकसाथ लाने के लिए स्वयं से स्वघोषित हिमायती बनते हैं ! इतना तो तय है कि संघ विशेष से प्रभावित लोग ही शामिल हैं इसमें और वें अपने विचार को जबरन चौपाल का नाम देकर शिक्षकों को गुमराह कर रहें हैं अन्यथा tsunss के सशर्त समर्थन देने के बाद उनकी सभी संघ को साथ लाने की अग्रेत्तर गतिविधि क्यों नही दिखी ?
यदि वाकई हिमायती हैं तो अबतक उनका प्रयास सार्थकता की ओर नही रहा, साथ ही कुछ ऐसे संकीर्ण मानसिकता के लोग भी शामिल हैं इस हुजूम में जिन्हें अनुशासन शिष्टाचार मर्यादा का ख़याल ही नही जो इनके असफलता का प्रमुख कारण है !
उन साथियों के लिए मेरा सुझाव है कि उनको चाहिए कि किसी भी संघ के प्रभाव से मुक्त रहते हुए सबसे सभ्य व्यवहार करते हुए अपना प्रयास करें ना कि संघ विशेष से द्वेष रखते हुए शिक्षकों को ही भला बुरा कहते फिरे ! अन्यथा जो आरोप लग रहें हैं उसे सत्य ही माना जाएगा !
उपरोक्त बिंदु पर सभी शिक्षक साथी ध्यानाकर्षित करें और गुमराह होने से बचें !
अन्य बातों को छोड़ दिया जाय तो दो प्रमुख बातें सामने आईं हैं -
(a)- Tsunss बिहार गोपगुट मातृसंघ को नज़रंदाज़/उपेक्षित कर कार्यक्रम करनें का प्रभाव सर्वविदित है तथा सच्चाई सार्वजनिक हो रही है ! माननीय लोग के गृह जिला में हड़ताल का असर नही ! और उनके कुछ सहयोगी लोग हाजिरी बना के दिखावे के लिए हड़ताल में हैं !
कुछ साथी tsunss द्वारा अर्जित सवैतनिक प्रशिक्षण में हैं उनको हड़ताल से कोई मतलब भी नही फिर भी स्वयं को ऐसे प्रोजेक्ट कर रहें मानो सारा बोझ इनके माथे पर ही है !
हड़ताल की पड़ताल में यह बात सामने आ रही कि सम्मिलित लोगों का प्रभाव कुछेक जिलों में आंशिक रुप से ही है जबकि tsunss बिहार गोपगुट मातृसंघ का प्रभाव सर्वत्र व्याप्त है ! यही कारण है कि अबतक हड़ताल असरहीन है जिससे परेशान साथी बाइक से जबरन घुम घुम के अपना प्रयास कर रहें हैं जबकि शिक्षक साथी स्वयं ही बहिष्कार करते !
बावजूद उनके इस उपेक्षित रवैया के बिना पूर्वाग्रह के tsunss बिहार गोपगुट मातृसंघ नें सबसे पहले सार्वजनिकरुप से नैतिक समर्थन की घोषणा की जबकि अन्य संघ इसमें भी पिछड़ गए !
(b)- कुछ पूर्वाग्रह से ग्रसित, पक्षपाती लोगों का समूह जो tsunss मातृसंघ से द्वेषभाव रखते हैं सभी संघ को एकसाथ लाने के लिए स्वयं से स्वघोषित हिमायती बनते हैं ! इतना तो तय है कि संघ विशेष से प्रभावित लोग ही शामिल हैं इसमें और वें अपने विचार को जबरन चौपाल का नाम देकर शिक्षकों को गुमराह कर रहें हैं अन्यथा tsunss के सशर्त समर्थन देने के बाद उनकी सभी संघ को साथ लाने की अग्रेत्तर गतिविधि क्यों नही दिखी ?
यदि वाकई हिमायती हैं तो अबतक उनका प्रयास सार्थकता की ओर नही रहा, साथ ही कुछ ऐसे संकीर्ण मानसिकता के लोग भी शामिल हैं इस हुजूम में जिन्हें अनुशासन शिष्टाचार मर्यादा का ख़याल ही नही जो इनके असफलता का प्रमुख कारण है !
उन साथियों के लिए मेरा सुझाव है कि उनको चाहिए कि किसी भी संघ के प्रभाव से मुक्त रहते हुए सबसे सभ्य व्यवहार करते हुए अपना प्रयास करें ना कि संघ विशेष से द्वेष रखते हुए शिक्षकों को ही भला बुरा कहते फिरे ! अन्यथा जो आरोप लग रहें हैं उसे सत्य ही माना जाएगा !
उपरोक्त बिंदु पर सभी शिक्षक साथी ध्यानाकर्षित करें और गुमराह होने से बचें !
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